|
|
|
|
|
|
|
|
|
पहले घरों में खाना बनाते समय पहली रोटी गाय की और अंतिम श्वान यानि कुत्ते की बनायीं जाती थी | यह बात दर्शाती है की आपको स्वयम कुछ भी ग्रहण करने से पहले दूसरों का ध्यान भी रखना चाहिए | |
|
|
Learn Vidur Niti Art of Life Management |
|
"जिस प्रकार भृंगी किसी भी कीट को अपने रूप में बदलने की सामर्थ्य रखता है, ठीक उसी प्रकार मनुष्य भी जिस प्रकार के व्यक्तित्व या मनुष्य का स्मरण करेगा तो वह भी उसी के रूप में ढलता जाएगा | " |
|
मनुष्य को जितने लाभ की आवश्यकता है उसी के अनुरूप उसे स्वयं को उस कार्य के प्रति समर्पित करने की आवश्यकता है| यह समर्पण की भावना एकांत में ही आती है| |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
Just as a motor has to be used to bring water from the bottom to the topics, in the same way, the mind has to be concentrated to keep the mind away from the subjects. |
|
Stay relaxed and joyful like children
Just as a small child is relaxed and happy in himself, we should also be relaxed and keep the idea of insult away from ourselves. |
|
Humans need to live above expectations in life. You will dive into the sea of sorrow when you expect more from others and not fulfilled. It is so important that you learn to live life in adversity |
|
It is necessary to have control over the tongue
Just as a fish cannot control its tongue by seeing a thorn stuck in a thorn, the same is the condition of a human being. That is why it is necessary that man should control his speech along with diet |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
Provocative songs lead to downfall
Stimulating music does the same thing as hunters use an elephant to catch an elephant. Provocative songs and melodious voice try to bond you. So try to stay away from this type of projects |
|
The one who adopts the sargrahi instinct is the only knowledgeable
Just as Bhramar collects little honey from many flowers and runs his work, in the same way, a person should not be a burden on them while seeking help from others |
|
Lust destroys knowledge and purity
Just as Deepshikha attracts the kite and burns it at the end, in the same way Rupasakti destroys man's conscience and purity. |
|
Equality of heart is the victory of life
Try to be like the ocean that dances from above but normal from inside |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
The person who is engaged in work is great
People engaged in great work often become unwanted in physical needs |
|
प्रेम और मोह का अंतर समझें
प्रेम अमूल्य है लेकिन मोह मनुष्य को किसी भी चिंता में जलाकर समाप्त कर देता है इसलिए अंत:करण प्रेममय हो लेकिन मोहग्रस्त न हो |
|
Be a Karmayogi like the Sun
Just as the Sun returns water eclipse from the Earth as rain, the Sadhak should also be distributed in the world after receiving knowledge. |
|
आपका यश आपको महान बनाता है
जिस प्रकार चंद्रमा की शीतलता और सौम्यता की बात की जाती है न की उनकी कलाओं की ठीक उसी प्रकार मनुष्य का व्यक्तित्व, उनके गुण, यश और व्यवहार से जाना जाता है न कि उनके सूरत से |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
Keep your behaviour like fire
Just as fire warms you, enjoys pure food but if you try to touch it, it can burn you. You should also maintain your behaviour just like fire. |
|
Keep your behavior like water
Incorporate water cleanliness, softness, sweetness into yourself and try to cleanse your surroundings. |
|
The vastness of mind is beneficial for all
Why are our texts Mahabharata, Yogvashishtha, Ramayana, Chanakya most effective for Management, Self Help, Relationship and Leadership? Today's youth will get knowledge very easily from this special series of Pujya Maharajji. Let's listen to how you can get guidance on these four special topics.
Share this and introduce everyone to this knowledge. |
|
सहनशील व्यक्तित्व देता है दैवीय जीवन
मैनेजमेंट, सेल्फ हैल्प, रिलेशनशिप और लीडरशिप के लिए हमारे ग्रंथ महाभारत, योगवाशिष्ठ, रामायण, चाणक्य सबसे कारगर क्यों हैं ? पूज्य महाराजजी के इस खास सीरिज से आज के युवाओं को मिलेगा बहुत ही सरलता से ज्ञान। आइए सुनते है कैसे इन चार खास विषयों पर पा सकते है मार्गदर्शन।
इसे शेयर करें और सबको इस ज्ञान से परिचित करवाएं। |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
व्यवहार में शांति क्यों आवश्यक
मैनेजमेंट, सेल्फ हैल्प, रिलेशनशिप और लीडरशिप के लिए हमारे ग्रंथ महाभारत, योगवाशिष्ठ, रामायण, चाणक्य सबसे कारगर क्यों हैं ? पूज्य महाराजजी के इस खास सीरिज से आज के युवाओं को मिलेगा बहुत ही सरलता से ज्ञान। आइए सुनते है कैसे इन चार खास विषयों पर पा सकते है मार्गदर्शन।
इसे शेयर करें और सबको इस ज्ञान से परिचित करवाएं। |
|
Why the order of superiority is important
Why are our texts Mahabharata, Yogvashishtha, Ramayana, Chanakya most effective for Management, Self Help, Relationship and Leadership? Today's youth will get knowledge very easily from this special series of Pujya Maharajji. Let's listen to how you can get guidance on these four special topics.
Share this and introduce everyone to this knowledge. |
|
सहज श्रम से बनेंगे स्वाबलंबी
मैनेजमेंट, सेल्फ हैल्प, रिलेशनशिप और लीडरशिप के लिए हमारे ग्रंथ महाभारत, योगवाशिष्ठ, रामायण, चाणक्य सबसे कारगर क्यों हैं ? पूज्य महाराजजी के इस खास सीरिज से आज के युवाओं को मिलेगा बहुत ही सरलता से ज्ञान। आइए सुनते है कैसे इन चार खास विषयों पर पा सकते है मार्गदर्शन।
इसे शेयर करें और सबको इस ज्ञान से परिचित करवाएं। |
|
आहार में संयम का महत्व
मैनेजमेंट, सेल्फ हैल्प, रिलेशनशिप और लीडरशिप के लिए हमारे ग्रंथ महाभारत, योगवाशिष्ठ, रामायण, चाणक्य सबसे कारगर क्यों हैं ? पूज्य महाराजजी के इस खास सीरिज से आज के युवाओं को मिलेगा बहुत ही सरलता से ज्ञान। आइए सुनते है कैसे इन चार खास विषयों पर पा सकते है मार्गदर्शन।
इसे शेयर करें और सबको इस ज्ञान से परिचित करवाएं। |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
सम्पूर्ण विश्व से रखें सद्भावना
मैनेजमेंट, सेल्फ हैल्प, रिलेशनशिप और लीडरशिप के लिए हमारे ग्रंथ महाभारत, योगवाशिष्ठ, रामायण, चाणक्य सबसे कारगर क्यों हैं ? पूज्य महाराजजी के इस खास सीरिज से आज के युवाओं को मिलेगा बहुत ही सरलता से ज्ञान। आइए सुनते है कैसे इन चार खास विषयों पर पा सकते है मार्गदर्शन।
इसे शेयर करें और सबको इस ज्ञान से परिचित करवाएं। |
|
“दूसरों की निर्बलता को अपना बल न मानें”
मैनेजमेंट, सेल्फ हैल्प, रिलेशनशिप और लीडरशिप के लिए हमारे ग्रंथ महाभारत, योगवाशिष्ठ, रामायण, चाणक्य सबसे कारगर क्यों हैं ? पूज्य महाराजजी के इस खास सीरिज से आज के युवाओं को मिलेगा बहुत ही सरलता से ज्ञान। आइए सुनते है कैसे इन चार खास विषयों पर पा सकते है मार्गदर्शन।
इसे शेयर करें और सबको इस ज्ञान से परिचित करवाएं। |
|
“दूसरे का कर्तव्य मेरा अधिकार नहीं होता”
मैनेजमेंट, सेल्फ हैल्प, रिलेशनशिप और लीडरशिप के लिए हमारे ग्रंथ महाभारत, योगवाशिष्ठ, रामायण, चाणक्य सबसे कारगर क्यों हैं ? पूज्य महाराजजी के इस खास सीरिज से आज के युवाओं को मिलेगा बहुत ही सरलता से ज्ञान। आइए सुनते है कैसे इन चार खास विषयों पर पा सकते है मार्गदर्शन।
इसे शेयर करें और सबको इस ज्ञान से परिचित करवाएं। |
|
मैनेजमेंट, सेल्फ हैल्प, रिलेशनशिप और लीडरशिप के लिए हमारे ग्रंथ महाभारत, योगवाशिष्ठ, रामायण, चाणक्य सबसे कारगर क्यों हैं ? पूज्य महाराजजी के इस खास सीरिज से आज के युवाओं को मिलेगा बहुत ही सरलता से ज्ञान। आइए सुनते है कैसे इन चार खास विषयों पर पा सकते है मार्गदर्शन।
इसे शेयर करें और सबको इस ज्ञान से परिचित करवाएं। |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
शास्त्रों का सार है - जितेन्द्रियता
आंतरिक जीवन को आनंदमय और स्वाधीन बनाएं। कैसे खुद पर संतुलन पाए और स्वाधीन और स्वतंत्रता पाए।
आज के वीडियो में जानिए, इस महत्वपूर्ण पहलू पर पूज्य महाराजजी की ज्ञान चर्चा। |
|
न्याय अपने पर तथा प्रेम और क्षमा अन्य पर....कैसे करें दूसरों से व्यवहार ? व्यवहार कुशलता क्या होती है ? हमारे धर्मग्रंथों में क्या बताया गया है।
आज के वीडियो में जानिए, अपने सबसे महत्वपूर्ण पहलू पर पूज्य महाराजजी की ज्ञान चर्चा। |
|
गलतियां हम सभी करते हैं, जीवन की गति को सुधारने के लिए गलतियों से सीखने की जरूरत होती है।
पूज्य महाराजजी के इस खास सीरिज में आज के युवाओं को मिलेगा इस विषय पर सरलता से ज्ञान। आइए सुनते है कैसे इस खास विषयों पर पा सकते है मार्गदर्शन।
इसे शेयर करें और सबको इस ज्ञान से परिचित करवाएं। |
|
मैनेजमेंट, सेल्फ हैल्प, रिलेशनशिप और लीडरशिप के लिए हमारे ग्रंथ महाभारत, योगवाशिष्ठ, रामायण, चाणक्य सबसे कारगर क्यों हैं ? पूज्य महाराजजी के इस खास सीरिज से आज के युवाओं को मिलेगा बहुत ही सरलता से ज्ञान। आइए सुनते है कैसे इन चार खास विषयों पर पा सकते है मार्गदर्शन।
इसे शेयर करें और सबको इस ज्ञान से परिचित करवाएं। |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
मैनेजमेंट, सेल्फ हैल्प, रिलेशनशिप और लीडरशिप के लिए हमारे ग्रंथ महाभारत, योगवाशिष्ठ, रामायण, चाणक्य सबसे कारगर क्यों हैं ? पूज्य महाराजजी के इस खास सीरिज से आज के युवाओं को मिलेगा बहुत ही सरलता से ज्ञान। आइए सुनते है कैसे इन चार खास विषयों पर पा सकते है मार्गदर्शन।
इसे शेयर करें और सबको इस ज्ञान से परिचित करवाएं। |
|
मैनेजमेंट, सेल्फ हैल्प, रिलेशनशिप और लीडरशिप के लिए हमारे ग्रंथ महाभारत, योगवाशिष्ठ, रामायण, चाणक्य सबसे कारगर क्यों हैं ? पूज्य महाराजजी के इस खास सीरिज से आज के युवाओं को मिलेगा बहुत ही सरलता से ज्ञान। आइए सुनते है कैसे इन चार खास विषयों पर पा सकते है मार्गदर्शन।
इसे शेयर करें और सबको इस ज्ञान से परिचित करवाएं। |
|
मैनेजमेंट, सेल्फ हैल्प, रिलेशनशिप और लीडरशिप के लिए हमारे ग्रंथ महाभारत, योगवाशिष्ठ, रामायण, चाणक्य सबसे कारगर क्यों हैं ? पूज्य महाराजजी के इस खास सीरिज से आज के युवाओं को मिलेगा बहुत ही सरलता से ज्ञान। आइए सुनते है कैसे इन चार खास विषयों पर पा सकते है मार्गदर्शन।
इसे शेयर करें और सबको इस ज्ञान से परिचित करवाएं। |
|
मैनेजमेंट, सेल्फ हैल्प, रिलेशनशिप और लीडरशिप के लिए हमारे ग्रंथ महाभारत, योगवाशिष्ठ, रामायण, चाणक्य सबसे कारगर क्यों हैं ? पूज्य महाराजजी के इस खास सीरिज से आज के युवाओं को मिलेगा बहुत ही सरलता से ज्ञान। आइए सुनते है कैसे इन चार खास विषयों पर पा सकते है मार्गदर्शन।
इसे शेयर करें और सबको इस ज्ञान से परिचित करवाएं। |
|
|
|
|